मानवता के लिए खतरा है कृत्रिम बुद्धिमत्ता
जिनेंवा । कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) खतरे से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने आगामी 18 जुलाई को एक बुलाई बैठक है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने पिछले महीने कहा था कि वैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों ने एआई को परमाणु युद्ध के खतरे के बराबर मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा बताते हुए दुनिया से इस दिशा में कार्रवाई करने का आह्वान किया है। गुटारेस ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से पहल करने के लिए पिछले साल सितंबर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर एक सलाहकार बोर्ड नियुक्त करने की योजना की घोषणा भी की थी। वुडवर्ड ने कहा कि ब्रिटेन चाहता है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता हम सभी के लिए मौजूद विशाल अवसरों तथा जोखिमों दोनों के प्रबंधन के लिए एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करे।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसके लिए वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता होगी।उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यक्रमों में मदद करने, मानवीय सहायता कार्यों में सुधार करने, शांति अभियानों में सहायता करने और ‘डेटा’ एकत्र करने तथा विश्लेषण करने सहित संघर्ष रोकने में सहायता करने की एआई की क्षमताओं का हवाला देते हुए कहा कि इससे होने वाले फायदे भी बहुत हैं। वुडवर्ड ने कहा कि यह संभावित रूप से हमें विकासशील देशों और विकसित देशों के बीच अंतर को कम करने में मदद कर सकता है।
उन्होंने कहा कि हालांकि इससे उत्पन्न होने वाले खतरे भी सुरक्षा संबंधी बेहद गंभीर सवाल खड़े करते हैं, जिसका समाधान किया जाना भी जरूरी है। बता दें कि ब्रिटेन द्वारा आयोजित इस बैठक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के स्वायत्त हथियारों में या परमाणु हथियारों के नियंत्रण आदि में संभावित इस्तेमाल और जोखिम पर चर्चा की जाएगी। ब्रिटेन की राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि 18 जुलाई को होने वाली यह बैठक इस महीने परिषद की अध्यक्षता के दौरान प्रमुख मुद्दा रहेगी। इसमें संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस और कई एआई विशेषज्ञ शामिल होंगे।