रायपुर में सब्जियों की कीमतें आसमान पर पहुंची
कमजोर आवक के चलते सब्जियों की कीमतें इन दिनों आसमान पर पहुंचने लगी है। पिछले सप्ताह ही लगातार बढ़ रही टमाटर की कीमतें सप्ताह के पहले ही दिन सोमवार को 70 रुपये किलो पहुंच गई। पखवाड़े भर में ही सब्जियों की कीमतों में दोगुना से ढाई गुना की बढ़ोतरी हो गई है। इन दिनों सब्जियों की आवक भी 30 प्रतिशत कम हो गई है। बरबट्टी पहली बार बाजार में 100 रुपये किलो हो गई है, वहीं शिमला मिर्च भी शतक पार हो गई है।
कारोबारियों का कहना है कि कीमतें बढ़ने के पीछे मुख्य कारण यह है कि बाजार से स्थानीय आवक का नहीं के बराबर हो गई है तथा सब्जियों के लिए पूरी निर्भरता बाहरी आवक पर हो गई है। ऊपरी मार्केट से ही आने वाली इन सब्जियों की कीमतें वहां ही काफी तेज है,इसका असर यहां भी पड़ रहा है।
जानिए क्या है गोभी, करेला से लेकर दूसरी सब्जियों की कीमतें
शास्त्री बाजार, गोलबाजार, आमापारा, संतोषीनगर सहित अन्य बाजारों में टमाटर 70 रुपये किलो, गोभी 70 रुपये किलो, बैगन 60 रुपये किलो, भिंडी 60 रुपये किलो, करेला 60 रुपये किलो, पत्ता गोभी 60 रुपये किलो, बरबट्टी 110 रुपये किलो, शिमला मिर्च 110 रुपये किलो तक बिक रही है।
इसके साथ ही आलू-प्याज की कीमतों में भी जबरदस्त तेजी आ गई है और दोनों की ही कीमतें इन दिनों 40 रुपये किलो पहुंच गई है। कर्नाटक से टमाटर, पत्ता गोभी, मुनगा की आवक होती है और कर्नाटक में पिछले दिनों पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी भी आई है। ऐसे में वहां से आने वाली सब्जियां काफी महंगी हो गई है।
और महंगा हो सकता है टमाटर
कारोबारियों के अनुसार इस सप्ताह के आखिर तक या अगले सप्ताह के प्रारंभ में टमाटर की कीमतों में और तेजी आ सकती है। अभी कमजोर आवक की तुलना में इसकी मांग काफी ज्यादा बनी हुई है। टमाटर के साथ ही आलू-प्याज की कीमतों में भी और तेजी की आशंका बनी हुई है।
15 जुलाई तक कीमतों में सुधार की उम्मीद नहीं
सब्जी कारोबारियों का कहना है कि पिछले दिनों हुई बारिश के चलते सब्जियों की फसल भी बर्बाद हुई है। इसके चलते ही आवक में गिरावट आ गई है। कीमतों में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण है स्थानीय आवक का न होना। आने वाले पखवाड़े भर के अंदर स्थानीय आवक भी शुरू हो सकती है। ऐसे में कीमतों में भी सुधार होगा।
आवक सुधरने पर घटेंगी कीमतें
थोक सब्जी व्यावसायी संघ के अध्यक्ष टी श्रीनिवास रेड्डी ने कहा, सब्जियों की आवक इन दिनों काफी कमजोर है। साथ ही ऊपरी मार्केट से ही सब्जियों की कीमतों में तेजी है। आवक में सुधार होगा तो सब्जियों की कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी।