उद्धव ठाकरे पैसे के भूखे......मेरी पूंजी बाला साहेब की विचार धारा : शिंदे
मुंबई । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में इसका खुलासा किया है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने हमारे से 50 करोड़ रुपयों की मांग की थी। उन्होंने बताया था कि यह वह पैसा था इस पार्टी ने तब चंदे के द्वारा एकत्रित किया था जब पार्टी एकजुट थी। उन्होंने कहा कि ठाकरे गुट की ओर से की गई यह मांग दिखाती हैं, कि ठाकरे गुट केवल पैसा चाहता है। शिंदे ने मॉनसूत्र के समाप्त होने के बाद कहा कि उन्होंने यह पैसा वापस कर दिया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता सुभाष देसाई और अनिल देसाई ने उन्हें पार्टी के तीर-धनुष चिह्न वाले लेटरहेड पर पत्र लिखकर उनसे 50 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था जो कि पार्टी का था।
सीएम शिंदे ने कहा कि ठाकरे गुट के पास चंदे से एकत्र किए गए धन को वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं था, क्योंकि यह शिवसेना कार्यकर्ताओं से संबंधित राशि थी। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न हमें प्रदान किया है। लेकिन यह मांग दिखाती है कि ये लोग केवल पैसे से प्यार करते हैं ना कि शिवसेना कार्यकर्ताओं और बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा से।
मुख्यमंत्री शिंदे ने ठाकरे का नाम लिए बिना उन पर तीखा हमला कर कहा कि यह पता लगाना चाहिए कि किसने लोगों के जनादेश, बाला साहेब की विचारधारा और 25 साल के सहयोगी को धोखा दिया। हम आपको बता दें कि शिंदे ने यह हमला तब किया जब वह विधानसभा में विपक्ष की पहल पर शुरू हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। शिंदे ने कहा, ‘‘पिछले एक साल से हमें ‘खोके’ और ‘गद्दार’ कहा जा रहा है। इस इससे हमेशा के लिए निपटाने का समय आ गया है। जो लोग हम पर ‘गद्दार’ और ‘खोके’ (धन की पेटी) होने का आरोप लगाते हैं, उन्होंने हमें पत्र लिखकर 50 करोड़ रुपये लौटाने के लिए कहा है। मैंने निर्देश दिया है कि इसे वापस किया जाना चाहिए। मैं आपकी संपत्ति पर दावा नहीं करता। मेरी संपत्ति बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा है। उन्होंने कहा, यह पता लगाने का समय आ गया है कि महाराष्ट्र का महा गद्दार कौन है।
शिंदे ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान की गईं अनियमितताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और दोषियों को दंडित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इसकी जांच कर रहा है कि पुराने ऑक्सीजन संयंत्रों का उपयोग किस तरह से किया गया कि (ऑक्सीजन संयंत्र के इस्तेमाल से हुए फंगस संक्रमण के कारण) ‘‘मरीजों की आंखें चली गईं’’ और बॉडी बैग जिसकी कीमत 300 रुपये थी वे 6,000 रुपये में बिके। उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी सरकार (ठाकरे के नेतृत्व वाली) के दौरान शिक्षा, विचारधारा, आर्थिक निवेश का स्तर गिर गया और सिर्फ व्यंग्य किया जाता था। मुख्यमंत्री ने कहा, जो बिगड़ गया है, हम उसे सुधार रहे हैं।’’शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के मजबूत समर्थन वाली समान विचारधारा वाले दलों की सरकार है। उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा में हमारी संख्या 170 से अब 215 है।