पाकिस्तानी सैन्य छावनी पर हमले की तैयारी में टीटीपी लड़ाके
इस्लामाबाद। अफगान तालिबान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के 30 हजार से ज्यादा लड़ाकों ने कमांडर हाफिज गुल बहादुर के नेतृत्व में पाकिस्तान की सैन्य छावनी मीर अली कूच का ऐलान किया है। हमले की तैयारी में कई अफगान सैनिक भी शामिल हैं। अब तक हजारों लड़ाके पाक सीमा पर जमा हो गए हैं। 26 मार्च के बाद पाक के खिलाफ अभियान के लिए कई और लड़ाके पहुंच सकते हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। 4 दिन पहले पाक एयर स्ट्राइक से गुस्साए अफगान तालिबान ने पाकिस्तान की 12 फौजी चौकियों को तबाह कर दिया।
गौरतलब है कि दिसंबर 2007 को बेतुल्लाह मेहसूद की अगुआई में 13 गुटों ने एक तहरीक यानी अभियान में शामिल होने का फैसला किया, लिहाजा संगठन का नाम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान रखा गया। शॉर्ट में इसे टीटीपी या फिर पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है। आतंकवाद की फैक्ट्री कहे जाने वाले पाकिस्तान में अब तक जितने भी आतंकी संगठन अस्तित्व में आए हैं, उनमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान सबसे खतरनाक माना जाता है। खास बात यह है कि इस संगठन के पाकिस्तान फौज में हजारों समर्थक हैं और यही पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा है। कहा तो यहां तक जाता है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को सीधे शब्दों में बता दिया है कि फौज में टीटीपी समर्थक होने के मायने ये हैं कि इन आतंकियों के जद में पाकिस्तान के एटमी हथियार भी आ सकते हैं।
कभी पाकिस्तानी सेना का खास था गुल बहादुर
पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते वजीरिस्तान में हाफिज गुल बहादुर के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। इनमें 18 आतंकवादी मारे गए। हाफिज गुल 2006 से 2009 के बीच पाक सेना के समर्थन वाला कमांडर था। लेकिन बाद में गुल ने पाक सुरक्षा बलों पर ही हमले शुरू कर दिए थे। जून 2009 से पाक सेना ने उसके खिलाफ अभियान शुरू किया।
अफगान तालिबान ईरानी ड्रोन खरीद रहा, पाक चिंतित
रिपोट्र्स हैं कि अफगान तालिबान ईरान से निगरानी और लड़ाकू कामीकाजे ड्रोन खरीदने पर जोर दे रहे हैं। ये ड्रोन पेलोड के साथ हमले करते हैं। जानकारों का कहना है कि अगर यह डील होती है तो यह पाकिस्तान लिए बहुत बड़ी चिंता की बात हो सकती है।
अफगानिस्तान पर पाक की नीति फेल साबित
एक्स्पट्र्स कहते हैं कि पाक जानता है कि अफगानिस्तान में कूटनीतिक पकड़ बनाए रखने की उसकी नीति विफल रही है। अफगानिस्तान को लेकर पाकिस्तान अब नीति बदल रहा है। पाक अफगान आतंकियों से लडऩे के साथ काबुल से बातचीत चैनल भी सक्रिय कर रहा है।