कांग्रेस नेता ने ही खोल दी कांग्रेस की पोल
हिंदुत्व को कभी स्वीकार नहीं करना चाहते कई कांग्रेस नेता
कांग्रेस के नेता ने ही कांग्रेस की कलई खोल दी है। हिंदुत्व और भगवान श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कांग्रेस की सोच पूरे देश के सामने आ गई है। ऐसे में मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रिंयका गांधी सरीखे कई लोग चुनावों के दौरान मंदिरों में मत्था टेकते जरूर दिख जाते हैं, लेकिन उनकी सोच हमेशा ही हिंदू विरोध की ही रही है।
असल में, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा जो कांग्रेस गांधी की अनुयायी रही है और हर बैठक की शुरुआत रघुपति राघव राजा राम से करती रही है। वर्तमान में कांग्रेस की विचारधारा पर वामपंथी सोच हावी हो रही है। यही वजह है कि राम विरोधी बयानबाजी किए जाने पर भी कांग्रेस ने चुप्पी साधे रखी। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि हाल ही में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरितमानस को झुठलाया, लेकिन कांग्रेस चुप रही। यहां कांग्रेस ने अपनी विचारधारा से विपरीत जाकर किया। उन्होंने कहा कि राम और सनातन धर्म के बिना भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
राम मंदिर को न मानने वाला हिंदू नहीं हो सकता
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जिस तरह जीसस को न मानने वाला ईसाई नहीं हो सकता, मोहम्मद को न मानने वाला मुसलमान नहीं हो सकता। इसी तरह राम मंदिर को न मानने वाला हिंदू नहीं हो सकता है। दुनिया जानती है कि राम मंदिर को रोकने के जो प्रयास किए गए, उससे सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंची। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह किसी से भी अब छिपा नहीं रह गया है कि राम मंदिर का विरोध कौन कर रहा है।
विपक्षी गठबंधन देश से नफरत करने लगी
कांग्रेस नेता ने इंडिया गठबंधन पर बात करते हुए कहा, इसका मकसद मोदी और भाजपा सरकार को हटाना था। यह अफसोस की बात है कि विपक्षी गठबंधन मोदी से नफरत करते करते देश से नफरत करने लगी है। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा, “मैंने महसूस किया है कि कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जो भगवान राम से नफरत करते हैं। ये नेता ‘हिंदू’ शब्द से भी नफरत करते हैं, वे हिंदू धार्मिक गुरुओं का अपमान करना चाहते हैं। उन्हें पसंद नहीं है कि पार्टी में एक हिंदू धार्मिक गुरु हो। हो सकता है उन्हें (कांग्रेस) हिंदुओं के समर्थन की जरूरत ना हो या किसी हिंदू धर्म गुरु को स्टार प्रचारक बनाने का जो मकसद होता है, उन्हें उसमें कोई कमी नजर आ रही हो। ये पार्टी का निर्णय है।”