जल्द मिलेगा एक्जिमा और खुजली का स्थाई इलाज


वाशिंगटन । अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिक पहली बार इस बात के प्रमाण जुटाने में सफल हुए हैं। जिसमें एक सामान्य जीवाणु तंत्रिका कोशिकाओं को सीधे तौर पर प्रभावित कर,खुजली की कई बीमारियों को जन्म देते थे।  त्वचा में स्टेफिलोकोकस आरियस जीवाणु के कारण संतुलन बिगड़ जाता था। जिसके कारण एक्जिमा और त्वचा की अन्य बीमारियां शुरू हो जाती थी। खुजली के कारण त्वचा लाल हो जाती है। इसका परीक्षण करने के बाद शोधकर्ता प्रोफेसर इसाक चिउ के अनुसार खुजली सूक्ष्म जीव के कारण होती है।इसके लिए खुजली के पीछे के नए तंत्र की पहचान करने में वह सफल रहे हैं। चूहों पर किया गया इसका परीक्षण सफल रहा है। खुजली के लिए जिम्मेदार एकल जीवाणु एंजाइम की पहचान करने के लिए
स्टेफिलोकोकस आरियस के कई संशोधित संस्करण का प्रयोग किया गया है। अध्ययन के जो परिणाम सामने आए हैं। उसके बाद एक्जिमा के रोगियों के लिए यह शोध सबसे महत्वपूर्ण साबित हुआ है । त्वचा के कई रोगों का अब आसानी से इलाज हो सकेगा
 दुनिया भर में 2022 के आंकड़ों के अनुसार 22 करोड़ से ज्यादा एक्जिमा के मरीज हैं।सबसे ज्यादा एक्जिमा से पीड़ित लोगों की संख्या स्वीडन, ब्रिटेन, आइसलैंड, फिनलैंड और डेनमार्क में है। इसके अलावा दुनिया भर में बड़ी संख्या में एक्जिमा और खुजली से परेशान मरीजों की संख्या है। जिन्हें अब राहत पहुंचाना आसान होगा।