संजना सांघी ने बताया 'रॉकस्टार' को जिंदगी बदल देने वाली फिल्म
संजना सांघी ने बॉलीवुड में अच्छा नाम कमाया है। इन दिनों वह फिल्म 'धक धक' को लेकर चर्चा में हैं। इसमें संजना ने दीया मिर्जा , फातिमा सना शेख और रत्ना पाठक शाह के साथ स्क्रीन शेयर की है। संजना को पहला ब्रेक बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट मिला था। दिलचस्प बात यह है कि उस वक्त तक संजना को खुद नहीं पता था कि वह एक्टिंग करना भी चाहती हैं या नहीं। संजना हाल ही में इम्तियाज अली की फिल्म 'रॉकस्टार' को लेकर बात करती नजर आईं। उन्होंने बताया कि इस फिल्म ने उनकी किस्मत बदल दी थी।
हाल ही में एक बातचीत के दौरान संजना से उनके उस रोल के बारे में पूछा गया, जिसने उनकी जिंदगी बदल दी। इस पर संजना ने कहा, इसका जवाब देना मेरे लिए असंभव है। भारत में एक स्टार होना और एक एक्टर होना एक-दूसरे से जुड़े हैं। 'रॉकस्टार' ने मुझे यह अहसास दिलाया कि मैं अभिनय कर सकती हूं। वहीं, 'दिल बेचारा' ने मुझे रातोंरात घर-घर में मशहूर कर दिया। मुझे ऐसा लगा जैसे मैं दर्शकों के साथ यात्रा पर हूं'।
संजना से जब 'रॉकस्टार' और 'दिल बेचारा' में से किसी एक का चुनाव करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने 'रॉकस्टार' का नाम लिया। संजना मानती हैं कि 'रॉकस्टार' में उनकी भूमिका के बाद वह अन्य फिल्मों का हिस्सा बन पाईं। बता दें कि इम्तियाज अली की 2011 में आई फिल्म 'रॉकस्टार' में संजना ने हीर (नरगिस फाखरी) की बहन मैंडी का रोल अदा किया था। तब उनकी उम्र 13 वर्ष थी।
अपना अनुभव साझा करते हुए संजना ने कहा, 'जब आप 13 वर्ष के होते हैं, तो किसी चीज के बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानते हैं। मुझे लगता है कि इससे मुझे मदद मिली, क्योंकि फिल्म के सेट पर मैंने कभी नहीं सोचा कि यह इम्तियाज अली हैं और ये रणबीर कपूर हैं। मैं ऐसा ही महसूस करती कि जैसे घर पर हूं। कैमरे से मुझे डर नहीं लगा। अक्सर लोग कैमरे के सामने आकर झिझकते हैं, लेकिन मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ'।
संजना ने 'रॉकस्टार' के बाद कुछ ही फिल्मों में सपोर्टिंग रोल में काम किया है। करियर बनाने से पहले पढ़ाई पूरी करने के लिए संजना ने ऐसा फैसला लिया। संजना ने बताया कि 'रॉकस्टार' के दौरान इम्तियाज अली ने उनकी मां से कहा था कि ये अपनी पढ़ाई के लिए एक्टिंग को छोड़ेगी, लेकिन ऐसा न होने दें। संजना का कहना है, 'पढ़ाई के चलते मेरी मां ने करियर नहीं छोड़ने दिया। स्कूल और कॉलेज के टाइम जब भी कोई ऑडिशन देना होता तो उन्होंने कभी नहीं रोका।'