पुलिस को मिली बड़ी सफलता; हैदराबाद से पकड़े गए भिलाई के आठ सटोरियों
दुर्ग पुलिस की टीम ने हैदराबाद में संचालित ऑनलाइन सट्टा लोटस एप के 444 नंबर पैनल को ध्वस्त किया है। पुलिस की टीम ने मौके से एक अपचारी समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपितों के पास से पांच लैपटॉप, 21 मोबाइल, कार, सोने के जेवरात सहित 25 लाख रुपये का सामान जब्त किया है।
आरोपित से जब्त किए गए 13 खातों की जांच करने पर पता चला है कि उन्होंने दो महीनों में ही करीब सवा करोड़ रुपये से अधिक रुपये का लेनदेन किया है। वहीं इन खातों में जमा एक लाख 34 हजार 738 रुपये को होल्ड करवाया गया है। इस गिरोह के मुखिया का नाम शुभम है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
पत्रकार वार्ता में मामले की जानकारी देते हुए एएसपी सुखनंदन राठौर और क्राइम एएसपी ऋचा मिश्रा ने बताया कि पुलिस की टीम वहां पर पहले से दो अन्य मामलों के आरोपितों की पतासाजी के लिए गई हुई थी। इसी दौरान सुपेला पुलिस ने सर्कस मैदान से रूआबांधा निवासी विनय यादव उर्फ सुपर स्टार को गिरफ्तार किया। जो कि अपने मोबाइल पर ऑनलाइन सट्टा की मास्टर आइडी चला रहा था।
पूछताछ में उसने जानकारी दी कि उसकी एक टीम हैदराबाद के सोई ऐमू रेसीडेंसी गोली डोडी में कमरा नंबर 303 को किराये पर लेकर सट्टा का संचालन कर रही है। इस पर हैदराबाद में पहले से उपस्थित टीम ने वहां पर दबिश दी थी। जहां पर पुलिस को देखकर कैंप-1 निवासी सुजीत साव नाम का एक सटोरिया अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से कूद गया था। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वहीं पुलिस ने मौके से कैंप-1 वृंदा नगर निवासी आदित्य पांडेय (20), 18 नंबर रोड उमा पब्लिक स्कूल के पास कैंप-1 निवासी उदय कुमार (22), कैंप-1 तुलसी गैरेज के पास निवासी बी. चंदू (20), नेहरू चौक कैंप-1 निवासी हिमांशु चौहान (23), ढांचा भवन कुरुद निवासी अभिषेक वर्मा (33), कैंप-1 निवासी मणि और एक अपचारी बालक को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने आरोपित मणि को नोटिस देने के बाद घायल आरोपित सुजीत साव की देखरेख के लिए वहां पर छोड़ दिया है और बाकी के आरोपितों को भिलाई लाया गया। मंगलवार को सभी आरोपितों को न्यायालय पेश किया गया। जहां से उन्हें रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
बिना अनुमति के छापा मारकर फंस गई थी दुर्ग पुलिस की टीम
यहां बता दें कि जिस टीम ने हैदराबाद में छापा है, उस टीम को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। एक आरोपित द्वारा छत से कूद जाने की घटना के बाद तेलंगाना पुलिस ने दुर्ग पुलिस की टीम को हिरासत में ले लिया था। इसका कारण ये था कि आनलाइन सट्टा के ठिकाने पर दबिश देने को लेकर इनके पास वरिष्ठ अधिकारियों का आदेश पत्र नहीं था।
इसके बाद जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को तेलंगाना पुलिस के अधिकारियों से बात करनी पड़ी। जिसके बाद तेलंगाना पुलिस ने आदेश पत्र के साथ एक निरीक्षक को आने के लिए कहा। जिस पर रातों रात जामुल थाना प्रभारी कपिल देव पांडेय को तेलंगाना रवाना किया गया था।
इसके बाद दुर्ग पुलिस की टीम को वहां से छोड़ा गया था। वहीं पुलिस ने दावा किया था कि एसीसीयू की टीम एक नाबालिग किशोरी को बरामद करने और सेवानिवृत्त बीएसपी कर्मी से सवा करोड़ की ठगी करने वालों को पकड़ने के लिए गई थी।
इसी दौरान सुपेला में एक सटोरिये के पकड़े जाने के बाद टीम को ऑनलाइन सट्टा पर कार्रवाई के लिए भेज दिया गया था। जबकि किशोरी को बरामद करने के लिए टीम में एक महिला स्टाफ का भी होना जरूरी था, लेकिन इस टीम में कोई महिला स्टाफ नहीं थी।