सनातन विवाद से बचे पार्टी, कांग्रेस को होगा नुकसान
हैदरबाद। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सनातन धर्म पर चल रहे विवाद को लेकर चर्चा हुई। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मामले पर सतर्क रुख अपनाने और बीजेपी के एजेंडे में नहीं फंसने की अपील की है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कुछ नेताओं ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा कि पार्टी को इसतरह के मुद्दों से दूर रहना चाहिए और इसमें नहीं फंसना चाहिए। वहीं कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने नेताओं को सनातन विवाद में शामिल नहीं होने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि इसमें फंसने की बजाय गरीबों और उनके मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि वे पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं। बैठक में भूपेश बघेल और दिग्विजय सिंह दोनों ने बताया कि सनातन धर्म विवाद पर बोलने से पार्टी को नुकसान होगा और भाजपा को फायदा होगा।
इस मामले के बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान सनातन धर्म के मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करने में विश्वास करती है। चिदंबरम ने कहा, सनातन धर्म के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी सनातन धर्म के मुद्दे पर किसी भी विवाद में पड़ने को तैयार नहीं है। चिदंबरम ने कहा, मैं डीएमके के लिए नहीं बोल रहा हूं, लेकिन डीएमके ने कहा कि वह किसी भी धर्म के विरोधी नहीं हैं। वे जाति उत्पीड़न और जाति व्यवस्था के साथ चलने वाली चीजों जैसे महिलाओं का दमन, दलितों का उत्पीड़न के विरोधी हैं।
हाल ही में डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के खिलाफ है, इस खत्म किया जाना चाहिए। उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करते हुए कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि उन्हें नष्ट कर दिया जाना चाहिए। बिहार में आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधकर कहा कि तिलक लगाकर घूमने वालों ने भारत को गुलाम बनाया। देश मंदिर बनाओ या मस्जिद तोड़ो से नहीं चलेगा।