राज्य में कोई परिवार अब भूखा नहीं सोता- सीएम जिनके पास राशन कार्ड नहीं उन्हें भी दिया जा रहा है एक रुपए में गेहूं, चावल और नमक
नवंबर महीने तक अतिरिक्त राशन देने की घोषण
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लिए प्रतिबद्ध मध्यप्रदेश की सरकार ने राज्य में 37 लाख लोगों के घरों में राशन मुहैया कराया है। कोरोना के बाद विभिन्न राज्यों से वापसी करने वाले पांच लाख अतिरिक्त लोगों को राशन के लिए पात्र माना गया। सबसे अहम यह है कि राज्य सरकार द्वारा ऐसे लोगों को राशन दिया जा रहा है जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। नवंबर महीने तक प्रतिमाह मिलने वाले राशन की मात्रा बढ़ा दी गई, जिसके बाद परिवार में यदि पांच सदस्य है तो प्रत्येक के हिस्से का दस किलो राशन मिलेगा, इस हिसाब से एक परिवार पचास किलो राशन का हकदार होगा।
मध्यप्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार संकल्परत है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले राशन के लिए आवेदन करने वाले भाई बहनों को सुनना पड़ता था, ‘गरीबी रेखा से नीचे की सूची में अपना शामिल करवा कर आइए।’ क्षेत्र में किसी भी नेता के पहुंचने पर गरीब अपना आवेदन लिए खड़ा होता था। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति थी। सरकार ने सबको राशन देने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए केंद्र सरकार के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून से काफी सहायता मिली। अब राज्य में कोई भी परिवार भूखा नहीं सोता। नई व्यवस्था के प्रति आशांवित मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एक नवंबर तक सभी पात्र लाभार्थियों को पांच किलो अतिरिक्त अनाज देने का फैसला लिया है। इसके लिए 52 जिलों में राशन वितरण कार्य शुरू किया गया है। अधिनियम के तहत प्रत्येक परिवार को गेहूं, चावल और नमक एक रूपए किलो में तथा केरोसिन ऑयल डेढ़ रुपए किलो प्रतिलीटर दिया जाता है।