झमाझम बारिश के साथ हुई बिजली गुल
मौसम का मिजाज बदलने से हमेशा की तरह सबसे पहले बिजली सप्लाई प्रभावित हुई। मंगला, सिंधी कालोनी, जेल रोड, तेलीपारा, हेमू नगर समेत अधिकांश क्षेत्रों में बिजली बंद रही। परेशान लोग लगातार फ्यूज काल सेंटर से लेकर जेई व एई को काल करते रहे। लेकिन, किसी से संतोषप्रद जवाब नहीं मिला। अशोक नगर खमतराई में लो-वोल्टेज की समस्या रही।
रात नौ बजे के बाद इस क्षेत्र के उपभोक्ताओं को राहत मिली। बिजली की समस्या से शहरवासी सालभर से जूझ रहे हैं। गर्मी में लोड बढ़ने से बिजली बंद होती रही। तो अब जरा सी वर्षा होने पर सप्लाई बंद हो जाती है। मंगला क्षेत्र में करीब पांच घंटे तक सप्लाई ठप रही। वहीं सिंधी कालोनी व जेल रोड फीडर बंद रहने से इस क्षेत्र के उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा। तेलीपारा के रहवासियों को पूरी रात अंधेरे में गुजारनी पड़ी।
उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली कंपनी मेंटेनेंस के नाम पर केवल औपचारिकता पूरी करती है। हकीकत में मेंटेनेंस का काम होता ही नहीं है। इसके कारण ही शहर का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां बिजली बंद की समस्या नहीं रहती। हर क्षेत्र के उपभोक्ता बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं।
सबसे बड़ी दिक्कत फ्यूज काल सेंटर को लेकर है, जहां बिजली बंद की सूचना देने के लिए उपभोक्ताओं को भारी जद्दोजहद करनी पड़ती है। कई प्रयासों के बाद फोन रिसीव होता है। इसके बाद सुधार दल तत्काल पहुंचा ऐसा नहीं होता। सुधार में तीन से चार घंटे, कई बार तो घंटों बाद भी खराबी नहीं मिलती और सप्लाई बंद रहती है। सोमवार को दोपहर दो बजे से यही हुआ। खमतराई के क्षेत्र में बिजली तो थी। लेकिन, वोल्टेज नहीं होने के कारण पंखे या लाइट नहीं चल रहे थे।
शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या रही। मस्तूरी क्षेत्र में तो स्थिति यह है कि सुबह 11 बजे से बिजली बंद रही और देर रात तक सप्लाई सुचारू नहीं हो सकी। इसके कारण दर्रीघाट, लिमतरा, कर्रा, भदौरा, किरारी, लावर, कोनी ग्राम पंचायत समेत अधिकांश गांव अंधेरे में डूबा रहा है। उपभोक्ता जेई से लेकर अन्य अधिकारियों से जानकारी लेते रहे। इस पर अधिकारियों से यही जवाब मिला कि खराबी अब तक नहीं मिलीं है, जिसके कारण सुधार नहीं हो सका। मालूम हो कि एक दिन पहले रविवार को भी मस्तूरी क्षेत्र की यही स्थिति थी। सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक बिजली बंद रही।