चुनाव से पहले ही बिखरने लगा इंडिया गठबंधन!
भाजपा हटाओ देश बचाओ रैली में नीतीश कुमार बोले
कांग्रेस के पास हमारे लिए वक्त नहीं
पटना। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए विपक्ष ने इंडिया गठबंधन बनाया। लेकिन ये गठबंधन चुनाव से पहले ही ये गठबंधन बिखरता दिख रहा है। इसके पीछे कारण है सूबे की राजधानी पटना के मिलर स्कूल ग्राउंड में सीपीआई के द्वारा भाजपा हटाओ देश बचाओ रैली कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस दौरान मंच पर पहुंचते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। सीएम नीतीश के बयान के बाद से एक बार फिर इस बात ने जोर पकड़ लिया कि क्या इंडिया गठबंधन चुनाव से पहले ही बिखर जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के मिलर स्कूल ग्राउंड में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के खिलाफ इंडिया गठबंधन बनाने में हम सभी ने कितना काम किया है। पटना सहित दो राज्यों में बैठक भी की गई, लेकिन अभी इस गठबंधन को मजबूत करने के लिए कोई काम नहीं हो रहा है। इंडिया गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है। कांग्रेस को आगे बढ़ाने के लिए हम लोगों ने इतना काम किया है लेकिन अब कांग्रेस के नेता न तो कुछ बोल रहे हैं, न कोई चर्चा कर रहे हैं और न ही कुछ कर ही रहे हैं। मगर राहुल गांधी की पार्टी को अभी पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों से फुर्सत नहीं है। ऐसे में गठबंधन पर बात नहीं हो पा रही है। विधानसभा चुनावों के बाद में इस पर बात करेंगे।
पांच राज्यों के चुनाव के बाद गठबंधन पर बात होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के नेता कांग्रेस को बढ़ाना चाहते हैं। यानी कि कांग्रेस को गठबंधन में आगे करना चाहते हैं। सीएम नीतीश ने कहा कि अभी कांग्रेस के नेता राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। ऐसे में उन्हें गठबंधन के लिए समय नहीं मिल पा रहा है। अब विधानसभा चुनाव पूरे होने के बाद ही इस पर बात होगी।
नीतीश कुमार की पहल पर बना इंडिया गठबंधन
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल के बाद ही देशभर के विपक्षी दलों की जून महीने में पटना में पहली बैठक हुई थी। यहीं से इंडिया गठबंधन की नींव रखी गई। अब तक विपक्षी गठबंधन की तीन बैठकें हो चुकी हैं। मगर सीट शेयरिंग को लेकर कोई खास बात नहीं हुई है। मुंबई में हुई पिछली बैठक में गठबंधन ने समन्वय समिति बनाई थी। इस समिति की भी एक बार ही मीटिंग हुई है। अब अगले महीने विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद ही इस पर कुछ अपडेट आएगा।
अखिलेश लगातार दे रहें अलग होने का संकेत
ऐसा नहीं है कि कांग्रेस के रवैये से सिर्फ नीतीश कुमार ही परेशान है। बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी कांग्रेस को लेकर परेशान हैं। उन्हें उम्मीद थी की मप्र के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उन्हें इंडिया गठबंधन में होने के नाते सीट देगी। लेकिन कांग्रेस ने ऐसा कुछ नहीं किया। इससे नाराज होकर उन्होंने न सिर्फ मध्य प्रदेश में अपनी पार्टी के प्रत्याशियों का ऐलान किया। बल्कि उन्होंने यूपी में इंडिया गठबंधन से अलग होकर चुनाव लडऩे का मन भी बना लिया है। इस बात का संकेत उन्होंने पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में दे दिया की उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में अकेले चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही है।