सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में लगाई आग....
सैन फ्रांसिस्को। खालिस्तानी समर्थकों के एक समूह ने दो जुलाई को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आग लगा दी। हालांकि, सैन फ्रांसिस्को अग्निशमन विभाग ने आग पर तुरंत काबू पा लिया गया। रविवार सुबह करीब 1.30 बजे के बीच आग लगाई गई थी।
पांच महीने में दूसरा हमला
जानकारी के अनुसार, इस घटना में कोई बड़ी क्षति या कर्मचारियों को नुकसान नहीं पहुंचा है। स्थानीय, राज्य और संघीय अधिकारियों को इस घटना के बारे में जानकारी दी गई है। सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर पांच महीने में दूसरा हमला है।
अमेरिका ने की कड़ी निंदा
इधर, इस घटना की अमेरिका ने कड़ी निंदा की है। अमेरिका ने इसे गंभीर अपराध करार दिया है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि अमेरिका, सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के खिलाफ कथित बर्बरता और आगजनी के प्रयास की कड़ी निंदा करता है।
भारत ने कनाडाई उच्चायुक्त को किया तलब
इधर, खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों को लेकर भारत सरकार सख्त है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा में खालिस्तानी पोस्टरों को लेकर भारत में कनाडाई उच्चायुक्त को तलब किया है। खालिस्तानी पोस्टरों में भारतीय राजनयिकों के नाम दिखाए गए थे।
सिरसा ने की घटना की निंदा
वहीं, इस घटना पर भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हम सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आग लगाने की कोशिश की कड़ी आवाज में निंदा करते हैं। वाणिज्य दूतावास हमारे लोगों के लिए आशा की किरण और एक सहायता केंद्र हैं।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा
देश विदेश में रह रहे हैं। ये लोग (खालिस्तानी) भारत और सिखों के दुश्मन बन गए हैं। वे आईएसआई के हाथों में खेल रहे हैं। मैं विदेशों में रहने वाले सिखों से अनुरोध करता हूं कि वे इन लोगों की पहचान करें और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
ट्विटर पर वीडियो किया गया शेयर
बता दें कि खालिस्तान समर्थकों द्वारा दो जुलाई को ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आगजनी की घटना को दिखाया गया है।
कनाडा में निज्जर की हुई थी मौत
वीडियो में कनाडा स्थित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की मौत से संबंधित कुछ न्यूज भी अटैच किए गए हैं। निज्जर भारत के वांछित आतंकवादियों में से एक था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम था, जिसकी पिछले महीने कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।