फ्रांस में सबसे घातक बीमारी की खोज
पेरिस । वैज्ञानिकों ने फ्रांस में दुनिया की सबसे घातक बीमारी की खोज करने का दावा किया है। इस बीमारी से पीड़ितों की आंखों से खून बहा सकता है। फ्रांस के हेल्थ अधिकारियों ने बताया कि, ‘यह विषाणु उत्तर-पूर्व स्पेन की सीमा से लगे पाइरेनीस ओरिएंटेल्स में टिक्स में पाया गया है, हालांकि फ्रांस में एक भी संक्रमण का केस अभी तक देखने को मिला है।’
वैज्ञानिकों ने बताया कि क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार एक टिक जनित बीमारी है। यह मूलत: अफ्रीका , बाल्कन, मध्य पूर्व एशिया और एशिया जैसे गर्म जलवायु वाले स्थानों में पाया जाता है। डब्ल्यूएचओ ने बाताया कि दुर्लभ होने के बावजूद 40 प्रतिशत लोगों की जान लेने में सक्षम हैं। जुलाई में, ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि जलवायु परिवर्तन के कारण यह बीमारी अपने सामान्य क्षेत्रों से बाहर निकलकर यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस की ओर बढ़ सकती है। साल 2016 से 2022 के बीच स्पेन में इस बीमारी के 7 मामले आ चुके हैं। इनमें 3 लोगों की मौत हो चुकी है।
विज्ञान समिट के दौरान कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पशु चिकित्सा के प्रमुख प्रोफेसर जेम्स वुड ने कहा कि सीसीएचएफ, ‘कभी भी टिक्स के माध्यम से” ब्रिटेन तक पहुंच सकता है, वहीं द सन अखबार से बात करते हुए, लिवरपूल विश्वविद्यालय में एवियन संक्रमण और प्रतिरक्षा के प्रोफेसर पॉल विगले ने सहमति जताते हुए कहा कि प्रोफेसर वुड की भविष्यवाणी सच है और यह बग के माध्यम से जल्द ही यूके तक पहुंच सकता है। वैज्ञानिकों को डर सता रहा है कि क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार जल्द ही ब्रिटेन की सीमा तक पहुंच सकता है।