इंदौर: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इंदौर जिले में संगठनात्मक विस्तार की प्रक्रिया तेज कर दी है। 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन और नए मंडलों के गठन की प्रक्रिया पूरी की जानी है। यह कवायद पार्टी के संगठन को मजबूती देने और आगामी चुनावी तैयारियों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।बीजेपी पदाधिकारियों के अनुसार इंदौर जिले में वर्तमान में 43 मंडल (28 शहरी और 15 ग्रामीण) कार्यरत हैं। 11 नए मंडल बनाने की योजना के साथ यह संख्या बढ़कर 54 हो जाएगी। नए मंडलों का गठन मतदान केंद्रों की संख्या के अनुसार किया जाएगा। पिछले लोकसभा चुनाव के बाद इंदौर जिले में 139 नए मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसी कारण नए मंडलों का परिसीमन और गठन आवश्यक हो गया है।


मंडल अध्यक्षों की भूमिका
बीजेपी संगठन में मंडल अध्यक्षों की भूमिका अहम मानी जाती है। पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों और नीतियों को जमीनी स्तर पर लागू करने में उनका योगदान होता है। साथ ही, स्थानीय स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठित रखने और जनसंपर्क बढ़ाने में वे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मंडल अध्यक्षों का चयन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी के आगामी चुनावी अभियानों में उनका सीधा प्रभाव होगा।


भोपाल संगठन को भेजा प्रस्ताव
इंदौर जिले की शहर और ग्रामीण इकाई ने नए मंडलों के गठन और परिसीमन के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव भोपाल स्थित प्रदेश संगठन को भेजा गया है। इसमें विधानसभा क्षेत्रों के आधार पर मंडलों की संख्या बढ़ाने की सिफारिश की गई है।


संगठनात्मक मजबूती का उद्देश्य
बीजेपी प्रदेश संगठन का मानना है कि नए मंडलों के गठन से पार्टी का संगठनात्मक ढांचा और मजबूत होगा। यह कदम न केवल कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़ाएगा, बल्कि पार्टी की जमीनी पकड़ को भी मजबूत करेगा। इससे आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी को फायदा मिलने की उम्मीद है।