प्रदेश की स्थानीय विरासत एवं संस्कृति की झलक -अमृत भारत स्टेशन योजना
कमलापति विश्व स्तरीय स्टेशन, तीन दर्जन स्टेशन जुड़े अमृत भारत से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो वर्ष पूर्व लाल किले की प्राचीर से दिए गए भाषण में जिस तरह से रेलवे के विकास एवं स्थानीय रेलवे स्टेशनों को स्थानीय विरासत एवं संस्कृति से जोड़ने के साथ-साथ राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्वरूप देने की बात कही गई थी, उसका क्रियान्वयन 6 अगस्त को प्रारंभ हो चुका है । राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देशभर के कई रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तरीय स्वरूप देने का जो संकल्प देश के प्रधानमंत्री मोदी ने लिया है उस संकल्प के अंतर्गत मध्य प्रदेश के लगभग तीन दर्जन स्टेशनों को इस योजना के अंतर्गत जोड़ते हुए स्थानीय विरासत एवं संस्कृति का अद्भुत नजारा पेश करने का प्रयास शुरू हो चुका है।
प्रधानमंत्री ने किया वर्चुअल उद्घाटन एवं शिलान्यास ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास कार्यों का वर्चुअली शिलान्यास किया। इस योजना में देश के 508 रेलवे स्टेशनों समेत मध्य प्रदेश के 34 रेलवे स्टेशनों का भी विकास होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि इतने सारे स्टेशनों के आधुनिकीकरण से देश में विकास के लिए नया वातावरण बनेगा। यह अमृत रेलवे स्टेशन अपनी विरासत पर गौरवान्वित होने और हर नागरिक में गर्व की भावना उत्पन्न करने के प्रतीक होंगे। हमारा बल भारतीय रेल को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर है। अब यह हमारा उत्तरदायित्व है कि हम रेलवे को एक बेहतर पहचान और आधुनिक भविष्य से जोड़ें।
विकास, कला और संस्कृति के तत्व शामिल ।
इस योजना के अंतर्गत चयनित स्टेशनों में स्टेशन भवन का सुधार और स्थानीय कला तथा संस्कृति के तत्व का समावेश करते हुए सौंदर्यीकरण किया जाएगा। साथ ही सर्कुलेटिंग एरिया और आगमन/प्रस्थान बिल्डिंग का भी पुनर्विकास किया जाएगा। जिनमें स्टेशन पहुंच मार्ग के लिए नई सड़कें, पैदल पथ, पार्किंग तथा सुगम यातायात की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत नियोजित सुविधाओं में अवांछित संरचनाओं को हटाकर रेलवे स्टेशनों तक सुचारू पहुंच, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, बेहतर परिसंचारी क्षेत्र, उन्नत पार्किंग स्थान, दिव्यांगजन अनुकूल बुनियादी ढांचा, हरित ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण के अनुकूल भवन आदि शामिल हैं।
स्टेशन डिजाइन के मानक तत्वों में होंगे
• स्टेशनों को 'सिटी सेंटर' के रूप में विकसित करना।
• शहर के दोनों किनारों का एकीकरण।
• स्टेशन भवनों में सुधार/पुनर्विकास।
• अच्छी तरह से डिजाइन की गई आधुनिक यात्री सुविधाओं का प्रावधान।
• अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया यातायात परिसंचरण और अंतर-मॉडल एकीकरण।
• यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए समान और अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए संकेत।
• मास्टर प्लान में उपयुक्त संपत्ति विकास का प्रावधान।
• भूनिर्माण, स्थानीय कला और संस्कृति।
देश भर में 508 रेलवे स्टेशन
देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी गई है । 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकसित ये 508 स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिल नाडु में 18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं।
प्रदेश के इन 34 रेलवे स्टेशन का होगा पुनर्विकास, संस्कृति विरासत की तस्वीर दिखाई देगी ।
प्रदेश में बैतूल, खजुराहो, इटारसी, आमला, देवास, गाडरवारा, गुना, दमोह, जुन्नारदेव, सिहोरा रोड, घोड़ाडोंगरी, विक्रमगढ़, आलोट, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, मुलताई, रीवा, सागर, पांढुर्ना, डबरा, मुड़वारा, शामगढ़, श्रीधाम, मैहर, गंजबासौदा, ब्यावरा, शिवपुरी, करेली, रुठियाई, बानापुरा, संत हिरदाराम नगर, नेपानगर, कटनी रेलवे स्टेशन शामिल है।