ऐसी औरत जिसे सिर्फ मौत के दो विकल्प में से एक को गले लगाना है

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mp03.in संवाददाता वर्ल्डक्राइम डेस्क।
चौसठ साल की लिंडसे सैन्डिफोर्ड के पास अब और जिंदगी नहीं बची है. बचा है तो केवल यह विकल्प कि वह अपनी मौत को लेकर दो में से एक विकल्प चुन सकें। वह बैठे-बैठे बंदूकों का सामना करेंगी या फिर खड़ी होकर ऐसा करने का उनका इरादा है।
किसी के जीवन के खात्मे के ऐसी व्याख्या निश्चित ही कुछ लोगों को खल सकती है, लेकिन वो कहा गया हैं ना कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होये? ऐसा ही यहां भी हुआ है।
जिस महिला की हम बात कर रहे हैं, उसने अपने ऐशो-आराम की खातिर लाखों लोगों की जिंदगी जोखिम में डाल देने वाली खतरनाक ड्रगस की स्मगलिंग की थी. लेकिन वह पकड़ी गयी. अदालत ने उससे मौत की सजा सुनायी है. सजा से बचने की उसकी हरेक कोशिश नाकाम ही रही है और अब उसने खुद को जेल की कालकोठरी के भीतर हालात के हवाले कर दिया है।
इंडोनेशिया के बाली की एक जेल में बंद लिंडसे संडीफोर्ड की स्थिति विचित्र है। उसे अब केवल दो विकल्प मिलेंगे। वह बैठकर मौत का सामना करेगी या फिर खड़े होकर ऐसा करना पसंद करेगी। बीते सात साल से वह हर दिन मर रही है. किसी भी दिन उसे जेल से निकालकर एक आइलैंड ले जाया जाएगा। जहां वह फायरिंग स्क्वाड के सामने होगी। उसे वहाँ गोली मारकर हमेशा के लिए शांत कर दिया जाएगा।
दरअसल पैसों की भूख ने चौसठ साल की इस महिला को इस हाल में ला दिया है। वह लन्दन में भरे-पूरे परिवार के साथ आराम की जिंदगी गुजार रही थी। फिर किसी ने उसे नशीले पदार्थ यानी ड्रग्स की खेप लेकर इंडोनेशिया जाने का ऑफर दिया। इसके बदले लिंडसे को भारी-भरकम रकम देने की बात की गयी। लिंडसे इस ऑफर को ठुकरा नहीं सकीं। मगर इंडोनेशिया पहुँचते ही उसे एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया।
हालत यह है कि लिंडसे के पास वकील को देने के लिए भी पैसे नहीं हैं। इसलिए वह जेल के भीतर कपड़ों की कढ़ाई का काम करती हैं, ताकि उससे मिली मजदूरी से वह किसी वकील को हायर कर पाने मुकदमें की और सुनवाई करवा सकें। थाईलैंड में एक आइलैंड पर ले जाकर लोगों को फायरिंग स्क्वाड के सामने खड़ा कर मौत की सजा दी जाती है. बीते पांच साल से वहाँ किसी को भी यह सजा नहीं मिली है. अब लिंडसे सहित एक सौ तीस और क़ैदी इस सजा के लिए कतार में हैं. इस बुजुर्ग महिला की हालत देखकर उस पर तरस तो आता है, मगर उसके अपराध की गंभीरता को देखकर यही लगता है कि ऐसे लोगों के लिए यही सजा मुनासिब है. सचमुच लालच बुरी बला है और आज की तारीख में लिंडसे इसकी सबसे सटीक निशानी दिख रही हैं।
लालच बुरी बला-: जिस महिला की हम बात कर रहे हैं उसे इसी लालच ने कहीं का नहीं छोड़ा। सात साल से अधिक समय से वह रोज मर-मरकर जी रही है. गलत तरीके से पैसा कमाकर ऐश के साथ बुढ़ापा बिताने की कोशिश ने उसे मौत के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। किसी भी दिन वह फायरिंग स्क्वाड के सामने होगी और उसे गोलियों से भूनकर मौत की नींद सुला दिया जाएगा।
इंडोनेशिया में ड्रग्स की तस्करी की सजा मौत है- अदालत ने लिंडसे को दोषी माना और उसे यही सजा सुनायी। लिंडसे ने दावा किया कि ड्रग्स न लाने पर उन्हें परिवार सहित ख़त्म करने की धमकी दी गयी थी, लेकिन इस बात को वह अदालत में साबित नहीं कर सकी. उसकी तमाम अपील खारिज हो चुकी हैं.