" गुमनाम शिकायत" बनी बदनामी और कीचड़ उछालने का हथियार !

Mp03. In संवाददाता इंदौर
यूँ तौ काम निकलने या दुश्मन को रास्ते से के लिए साम, दाम, दंड-भेद का पेत्रा आजतक बदस्तूर है l इस पैतरे से आज सरकारी महकमा भी अछूता नहीं रहा l सरकारी महकमों मैं पद प्रतिष्ठा की होड़ में अब फर्जी शिकायतों का सहारा लिया जाता है l हाल हि मैं सरकार के कमाऊपूत कहे जाने वाले आबकारी विभाग मैं इसका जमकर इस्तेमाल हो रहा है l
मंत्री के ओएसडी और सहायक आयुक्त आबकारी दीपम रायचुरा के खिलाफ योंन शोषण की गंभीर शिकायत की एक चिट्ठी सोशल मिडिया पर वायरल की गई है l जिसमे एक कथित महिला सब इंस्पेक्टर को पीड़ित बताया गया है l लेकिन उसके बारे मैं या कोई पहचान नहीं डी गई है l सवाल यह है कि कोई वॉकई पीड़ित है तो अपनी पहचान क्यों छुपायेगा! सूत्रों की माने तो इसके पीछे विभाग के एक आला अफसर और उनके समर्थक अफसर है l जोकि दीपम रायचुरा आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा के ओएसडी पद से हटवाना चाहते है l
*15 सालों से जारी खेल मोहन सरकार मैं हुआ तेज.......*
जबसे मोहन सरकार बनी ख़ुराफ़ातियों ने नये नये जतन शुरू कर दिये है!
आबकारी में पिछले पंद्रह सालो से फर्जी शिकायतों का खेल अफ़सर पोस्टिंग के लिये करा रहे है! खेल की शुरुआत इंदौर से हुईं थी l जिसे यहाँ पदस्थ सबसे बड़े अधिकारी ने जबलपुर पदस्थापना के दौरान शुरू की l इंदौर के एक मिडिया हॉउस के फर्जी लेटर पैड पर एक अफसर की बिना अनुमति विदेश यात्रा सहित कई गंभीर आरोपों को लेकर शिकायत की l अफसर इंदौर आये और मिडिया हॉउस से संपर्क किया दो घंटे में फर्जी शिकायतकर्ता अफ़सर के सामने गिड़गिड़ा रहा था!
दूसरा मामला धार का है....धार मैं पदस्थ अफसर और थे तत्कालीन आबकारी आयुक्त राकेश श्रीवास्तव की फर्जी शिकायत की गई l संजय तिवारी इंदौर पदस्थ हुवे तो ऐसी फर्जी पाँच शिकायत नस्ती की गयी!
*10 मंत्रियों की शिकायत....* शिवराज के मुख्यमंत्री कार्यकाल में उमाशंकर गुप्ता गृहमंत्री थे, उस वक्त भी इसी मिडिया हॉउस के फर्जी लेटर पैड पर मध्यप्रदेश के दस मंत्रियों के ख़िलाफ़ शिकायत की गयी थी l ताज्जुब उसकी जाँच तत्कालीन आईपीएस बी बी एस ठाकुर ने शुरू भी करवा दी थी l बाद मैं खुद मिडिया हॉउस ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा की बिना मुख्यमंत्री की अनुशंसा के मंत्रियों की जाँच कोई कैसे फर्जी लेटर पैड पर शुरू कर सकता है!