गरीब बेटियों का सहारा बने ‘मामा’
मध्य प्रदेश विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण, महिलाओं-बेटियों के सम्मान एवं स्वाभिमान से जुड़े हुए प्रदेश के रूप में राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हो रहा है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत 55000 की राशि लाभार्थी कन्या के विवाह के लिए सीधे अकाउंट में जमा की जाती है। योजना में अब तक लगभग 6 लाख से अधिक बेटियों को लाभ प्राप्त हो चुका है और लगभग ₹1600 करोड़ रुपए वर्ष 2023 तक इस योजना के अंतर्गत शासन के द्वारा लाभार्थियों को प्राप्त हुए हैं। वर्ष 2023 में इस योजना में कुछ कमियों के चलते भाजपा सरकार ने संशोधन भी किया।
शिकायतों के बाद परिवर्तन का सिलसिला जारी रहा ।
जब किसी योजना के संचालन में कोई कमी या प्रशासनिक स्तर पर गड़बड़ी नजर आती है तो निश्चित रूप से परिवर्तन भी सही समय पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किया जाना आवश्यक है। इसी क्रम में 2022 के पश्चात जब इस योजना में कुछ कमियां नजर आई तो योजना का लाभ सीधे-सीधे लाभार्थी को प्राप्त कराने का प्रयास किया गया।
इस योजना के तहत पहले 51,000 रुपये की आर्थिक मदद परिवार को दी जाती थी। हाल के दिनों में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में गड़बड़ी की शिकायतें आ रही थीं। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में बदलाव किए हैं। गरीब बेटियों को मिलने वाली मदद बढ़ा दी गई है। अब मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में बेटियों को 55,000 रुपये प्राप्त होना प्रारंभ हो गए।
महिला उत्थान के रूप में रहेगी याद
इस योजना की पहली शर्त यह है कि बेटियों की उम्र में 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। वहीं, जिस दूल्हे से उसकी शादी हो रही है, उसकी उम्र भी 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। इस योजना का लाभ राज्य के गरीब परिवार से संबंध रखने वाली बेटियां ही उठा सकती हैं। इसके लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए बेटियों का बैंक अकाउंट होना जरूरी है। इस योजना का लाभ राज्य की विधवा महिलाओं और तलाकशुदा महिलाओं की बेटियों को भी मिलेगा।
महिला उत्थान के अंतर्गत यह योजना मध्य प्रदेश सरकार के लिए बेहद क्रांतिकारी एवं शादी के योग्य बच्चियों के लिए यह योजना कल्याणकारी कार्य के रूप में हमेशा याद रखी जाएगी ।