उधार 50 लाख लौटाने के बाद भी बैंक की शिकायत पर पुलिस ने कर्जदार को आरोपी बना दिया
mp03.in संवाददाता भोपाल
बैंक की गलती से बाउंस चैक क्लीयर होकर खाता धारक के खाते में 25 लाख ट्रांसफर हो गए। इधर बाउंस होने पर खाते धारक को चैक देने वाली महिला ने आरटीजीएस के माध्यम से 25 लाख रूपए सीधे ट्रांसफर कर दिए। उक्त 50 लाख रूपए की रकम कर्जदार युवक ने पैसे देने वाली महिला को लौटा दी। लेकिन बैंक द्वारा गलती से बाउंस चैक क्लीयर होने के बाद रकम लौटाने से मना करने पर पैसे लेने वाली महिला और कर्जदार युवक के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया गया। हालांकि आरोपियों की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
हबीबगंज थान पुलिस के अनुसार निरंजन निलवानी 10 नंबर स्टॉप पर क्लासिक नाम से होटल संचालित करते हैं। 2014 में निरंजन निलवानी को 25 लाख रूपए की आवश्यकता थी। उसने अपनी परिचित नीरू मलहोत्रा से उधार मांगा । नीरू ने 25 लाख रूपए का चेक दे दिया, जिसे निरंजन निलवानी ने अपने खाते में क्लीयर होने के लिए लगा दिया। चेक क्लीयर होने में समय अधिक लग रहा था, ऐसे में निरंजन ने नीरू से नगद देने को कहा। इसपर नीरू ने आरटीजीएस के माध्यम से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच से पैसे ट्रांसफर कर दिए। उधर, पर्याप्त बेलेंस न होने पर निरंजन के खाते में डला चेक बाउंस हो गया। बाद में बैंक की गलती से उक्त चैक निरंजन के खाते में क्लीयर हो गया। हालांकि खाते में आए उक्त 50 लाख रूपए निरंजन निलवानी ने तय समय में लेनदार नीरू को लौटा दिए। उन्हें जानकारी नहीं थी की बैंक की त्रुटि से दो बार रकम उनके खाते में आई है। कुछ दिनों बाद बैंक ने नोटिस देकर निरंजन को गलती से 25 लाख रूपए ट्रांसफर होने की बात बताते हुए उक्त रकम लौटाने को कहा। निरंजन ने बताया कि उक्त उधार की रकम उसने लेनदार नीरू को लौटा दी है। उधर, महिला ने भी इतने साल बाद बैंक की रकम को लौटाने से मना कर दिया। जोकि वह लगातार उक्त रकम स्वयं की होना क्लेम कर रही है। बैंक ने इस मामले में हबीबगंज थाने में शिकायत की। पुलिस ने बैंक की शिकायत पर नीरू को आरोपी बना लिया। वहीं, बैंक ने रकम को ट्रांसफर निलवानी के खाते में की थी, ऐसे में निरंजन को भी आरोपी बनाया गया है।