हमारा दायित्व है जन अपेक्षाओं पर खरा उतरें और आदर्श पुलिसिंग का प्रयास करें- डीजीपी

- निष्पक्ष एवं तथ्यात्मक दृष्टिकोण होना चाहिये, न्याय होने के साथ-साथ दिखना भी चाहिए- जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुश्री गिरीबाला सिंह
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महिला अपराध अनुसंधान कौशल उन्नयन विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न
mp03.in संवाददाता भोपाल
पुलिस मुख्यालय में आज दो दिवसीय महिला अपराध अनुसंधान कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन डीजीपी विवेक जौहरी के मुख्य आतिथ्य तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुश्री गिरीबाला सिंह के विशेष आतिथ्य में संपन्न हुआ।
डीजीपी जौहरी ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिला अपराध की विवेचना तथा की जाने वाली कार्यवाहियों में संवेदनशीलता अत्यावश्यक है। पीडि़त के साथ सहानुभूति पूर्ण सद्व्यवहार करें। कानून की जानकारी अद्यतन (अपडेट) रखें। सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय के नवीन निर्णयों का अध्ययन करें। पीडि़ता को शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सहायता और सुविधाओं से सुविज्ञ रहें। प्रशिक्षण लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। जनअपेक्षाओं पर खरा उतरना हमारा दायित्व है, आदर्श पुलिसिंग करने का प्रयास करें।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुश्री गिरीबाला सिंह ने कहा कि न्याय होने के साथ-साथ होता हुआ दिखना भी चाहिए। विवेचना में निष्पक्षता एवं तथ्यात्मक दृष्टिकोण होना चाहिए। पीडि़त पक्ष की शिकायत दर्ज करते समय पूर्वागृहों से पूर्णत: मुक्त रहें। पीडि़त की आस्था और विश्वास का केन्द्र आप ही होते हैं अत: अपने उत्तरदायित्व से पूरा न्याय करें। अनुसंधान में तथ्यों की स्पष्टता पर पूरा ध्यान दें। अपने काम का खुद ऑडिट करें तभी सकारात्मक परिवर्तन ला सकेंगें।
एडीजी (महिला अपराध) प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने बताया कि विगत दो वर्षों से पहला ऑफलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम रहा। जिसमें अच्छी सहभागिता रही है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का फीडबेक डीएसपी आशुतोष पटेल तथा निरीक्षक ज्योति सिंह ने दिया। प्रशिक्षुओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों में निरीक्षक प्रियंका पाठक, डीएसपी संदीप मालवीय, यशस्वी शिंदे, कीर्ति बघेल तथा अनिल कुमार को अतिथियों द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।