मुरैना में पत्नी व दो बच्चों की गला रेंतकर हत्या करने के बाद खुद फांसी पर झुला!

mp03.in संवाददाता मुरैना
मुरैना की पलिया कालोनी में बुधवार रात सोते समय पत्नी, नाबालिग बेटे और बेटी के हंसिए व चाकू से गला रेंतकर हत्या के बाद आरोपी ने खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आरोपी एक दिन पहले ही अपने परिवार को श्योपुर के विजयपुर स्थित ससुराल से घर लेकर आया था। हालांकि वारदात के कारणों का अबतक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लग सका है।
जानकारी के अनुसार जौरा रोड स्थित पलिया कॉलोनी के सुदामा नगर निवासी सत्यदेव उर्फ मिंटू शर्मा पुत्र जगदीश शर्मा (45) खुद के मकान में रहता था और मकान के आगे उसका एक प्लाट था। जौरा रोड पर किराने की दुकान चलाता था। उसकी आर्थिक हालत भी अच्छी थी। हाल ही में लाखों रुपये का मकान खरीदने की बात भी सामने आई है। बुधवार-गुरुवार की रात उसने कमरे में सो रही पत्नी ऊषा शर्मा (40), बेटे अश्विनी (12)और बेटी मोहिनी (10) के चाकू व हांसिए से गले काट दिए। जिस तरह घटना हुई है उसके अनुसार सत्यदेव ने सभी को रात में खाने में नशीला पदार्थ दिया होगा। बच्चों ने सोती हुई हालत में ही दम तोड़ दिया, जबकि ऊषा ने मरने से पहले संघर्ष भी किया है। पत्नी के घुटने से नीचे तक के पैर पलंग से लटके मिले हैं। कमरे में ही खून से सना एक चाकू व हांसिया मिला है। चौक में जाल से फांसी पर लटके मिले मिंटू शर्मा के दोनों हाथ व बनियान भी खून से सनी थी। सूचना मिलने के बाद सिविल लाइन थाना पुलिस के अलावा एफएसएल टीम, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और स्निफर डॉग अपने-अपने स्तर पर घटनाक्रम की जांच में जुटे। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, पर घर में मिली एक बड़ी व दो पॉकेट डायरियों को पुलिस ने जब्त किया है।
पड़ोसियों ने कभी लड़ते नहीं देखा
पूछताछ में पड़ोसियों ने बताया कि उन्होने कभी पति-पत्नी को लड़ते हुए नहीं देखा। बच्चों की काफी फिक्र करता था मिंटू, ससुराल से भी नहीं था विवाद: मूल रूप से जौरा के बिलगांव निवासी मिंटू की शादी जून 2003 में विजयपुर निवासी ऊषा दीक्षित से हुई थी। शादी के करीब 8 साल बाद पहली संतान हुई थी। पड़ोसी कलावती बाई ने बताया कि मिंटू शर्मा और उसका पूरा परिवार बड़ा सभ्य था। पति-पत्नी में कभी किसी ने कोई विवाद नहीं देखा।
एक दिन पहले ही लाया था परिवार को
होली से पहले ऊषा 28 मार्च को मायके विजयपुर गई थी। बुधवार दोपहर को ही मिंटू परिवार को लेकर आया था। मिंटू शर्मा बच्चों मोहिनी व अश्विनी का इतना ख्याल रखता था कि सुबह-शाम जब मच्छरों का प्रकोप ज्यादा रहता था, तब मिंटू घर के बाहर व छत पर भी नहीं निकलने देता था। दुकान पर आते या फिर कोचिंग जाते थे तब उंगली पकड़कर उन्हें सड़क पार कराता था। उसी मिंटू ने गला काट दिया। यह बात मोहल्ले-पड़ोस में रहने वालों से लेकर स्वजनों के लिए भी बड़ा सवाल है।
कोट़स
-पूरे घर के दरवाजे अंदर से बंद थे। हॉल में लगे छत के जाल से मिंटू शर्मा ने फांसी लगाकर आत्महत्या की। उससे पहले उसने सोते हुए पत्नी व अपने दो बच्चों का गला काटकर हत्या कर दी। मौके पर वह हांसिया व चाकू मिले हैं, जिनसे तीनों के गले काटे गए हैं। अभी तक इस घटना का कोई भी कारण सामने नहीं आया है पर लग रहा है कि पति-पत्नी में विवाद के कारण ऐसा हुआ होगा। हर एंगल से हम मामले की जांच कर रहे हैं।
सुनील कुमार पांडेय, एसपी, मुरैना