जीवन मंत्र (ऑर्काइव)
संत की सीख
27 Apr, 2023 06:15 AM IST | MP03.IN
एक धनी सेठ ने एक संत के पास आकर उनसे प्रार्थना की, महाराज, मैं आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए साधना करता हूं पर मेरा मन एकाग्र ही नहीं हो पाता...
शुद्ध भक्त सर्वोत्तम
13 Apr, 2023 06:15 AM IST | MP03.IN
निर्विशेषवादी के लिए ब्रह्मभूत अवस्था अर्थात ब्रह्म से तदाकार होना परम लक्ष्म होता है। लेकिन साकारवादी शुद्धभक्त को इससे भी आगे शुद्ध भक्ति में प्रवृत्त होना होता है। इसका अर्थ...
कर्मयोग के बिना संन्यास नहीं
12 Apr, 2023 06:15 AM IST | MP03.IN
आज की चिंतनधारा में संन्यास और कर्मयोग को अलग-अलग करके देखा जा रहा है। महर्षि अरविंद ने अपने साधना-प्रम में संन्यास को कोई स्थान नहीं दिया। उन्होंने कर्मयोग का ही...
सर्वव्यापी है आत्मा
11 Apr, 2023 06:00 AM IST | MP03.IN
केवल वह जो क्षणिक है, छोटा या नर है, उसे ही सुरक्षा की आवश्यकता है; जो स्थायी है, बड़ा या विशाल है, उसे सुरक्षा की जरूरत नहीं। सुरक्षा का अर्थ...
निराशा से होती है हार
10 Apr, 2023 06:30 AM IST | MP03.IN
नियति प्रम के निरंतर उल्लंघन से प्रकृति का अदृश्य वातावरण भी इन दिनों कम दूषित नहीं हो रहा है। भूकम्प, तूफान, बाढ़, विद्रोह, अपराध, महामारियां आदि पर नियंत्रण पाना कैसे...
ईश्वर का आहार है साधना
9 Apr, 2023 06:00 AM IST | MP03.IN
तुमने ईश्वर को सदैव पिता के रूप में देखा है, कहीं ऊपर स्वर्ग में। मन में बैठी इस धारणा के संग तुम ईश्वर से कुछ मांगना चाहते हो और उनसे...
सच्चे ज्ञानी की विशेषता
8 Apr, 2023 06:00 AM IST | MP03.IN
व्यक्ति सत्संगति से तीन वस्तुओं को-शरीर, शरीर का स्वामी या आत्मा तथा आत्मा के मित्र को- एक साथ संयुक्त देखता है, वही सच्चा ज्ञानी है। जब तक आध्यात्मिक विषयों के...
विचारों की तरंगें
7 Apr, 2023 06:45 AM IST | MP03.IN
राजा की सवारी निकल रही थी। सर्वत्र जय-जयकार हो रही थी। सवारी बाजार के मध्य से गुजर रही थी। राजा की दृष्टि एक व्यापारी पर पड़ी। वह चन्दन का व्यापार...
अज्ञान का आवरण
6 Apr, 2023 06:15 AM IST | MP03.IN
गुरू के पास डंडा था। उस डंडे में विशेषता थी कि उसे जिधर घुमाओ, उधर उस व्यक्ति की सारी खामियां दिखने लग जाएं। गुरू ने शिष्य को डंडा दे दिया।...
अपूर्णता से पूर्णता की ओर
5 Apr, 2023 06:30 AM IST | MP03.IN
मनुष्य का बाह्य जीवन वस्तुत: उसके आंतरिक स्वरूप का प्रतिबिम्ब मात्र होता है। जैसे ड्राइवर मोटर की दिशा में मनचाहा बदलाव कर सकता है। उसी प्रकार, जीवन के बाहरी ढर्रे...